गर्भवती महिलाओं को क्या लाभ प्राप्त होगा? | Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan
गर्भवती महिलाओं को क्या लाभ प्राप्त होगा?

गर्भवती महिलाओं को क्या लाभ मिलेगा?

गर्भवती महिलाओं को अपने निकटतम सरकारी स्वास्थ्य सुविधा केंद्र में उपलब्ध पीएमएसएमए सेवाएं प्राप्त करने के बारे में जानकारी जानने के लिए अपने क्षेत्र की एएनएम/आशा/ स्वास्थ्य कर्मचारी से संपर्क करना चाहिए।

जब गर्भवती महिलाएं पीएमएसएमए सेवाएं प्रदान करने वाले लिए नामित सरकारी स्वास्थ्य सुविधा (डीएच, एसडीएच, सीएचसी-एफआरयू आदि) में जाती है, तो उसे निम्नलिखित सेवाओं का सेट प्रदान किया जाएगा:

पंजीकरण: एएनएम/स्टाफ नर्स पीएमएसएमए केंद्र में आने वाली गर्भवती महिला को पंजीकृत करेगी और उन्हें मातृ एवं बाल संरक्षण कार्ड तथा सुरक्षित मातृत्व की पुस्तिका देगी।

परीक्षण: स्टाफ नर्स/एएनएम गर्भवती महिला की ऊंचाई और वज़न लेगी और उसकी नब्ज एवं बीपी की जांच करेगी तथा निष्कर्ष रिकॉर्ड करेगी। वह निदान के लिए माता को प्रयोगशाला में भेजेंगी।

प्रयोगशाला जांच: हेमोग्लोबिन, मूत्र ऐल्ब्यूमन और शर्करा, मलेरिया, वीडीआरएल, एचआईवी, रक्त समूह, जीडीएम के लिए ओजीटीटी का उपयोग करके जांच।

अल्ट्रासोनोग्राफी (यूएसजी): सभी पीएमएसएमए लाभार्थी, जो कि पीएमएसएमए में पंजीकृत हैं, अपनी जांच की रिपोर्ट के साथ प्रसूति-विज्ञानी (ऑब्स्टेट्रिशियन)/चिकित्सीय अधिकारी द्वारा परीक्षण/जाँच कराएगें। चिकित्सक द्वारा परीक्षण, जांच व यूएसजी रिपोर्ट के आधार पर लाल स्टीकर/स्टेप उन महिलाओं के एमसीपी कार्ड में लगाया जाता है, जो कि ‘उच्च ज़ोखिम’ से पीड़ित पायी जाती हैं।

इंजेक्शन टेटनस टॉक्साइड, टैब्लेट आयरन फोलिक एसिड, टैब्लेट कैल्शियम तथा अन्य दवाएं चिकित्सा अधिकारी द्वारा निर्धारित की जाती है।

परामर्श: सभी गर्भवती महिलाओं को आहार, नींद, नियमित एएनसी जांच, संस्थागत प्रसव, स्तनपान, गर्भनिरोधक आदि पर समूह परामर्श (दस से बारह के समूह) दिया जाएगा।

होम डिलीवरी 20% के साथ कमजोर समुदाय से पीड़ित एवं ब्लॉक में रहने वाले गर्भवती महिलाओं को असुगम/दुर्गम क्षेत्र, जहां सार्वजनिक परिवहन या तो उपलब्ध नहीं है, या बहुत कम है, परिवहन सुविधा प्रदान की जाएगी।

एमसीपी कार्ड पर लाल स्टीकर वाली गर्भवती महिलाओं को प्रसूति-विज्ञानी (ऑब्स्टेट्रिशियन)/चिकित्सीय अधिकारी की सलाह पर पास के सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं पर जाना चाहिए तथा उन्हें इन सुविधा केंद्रों में प्रसव कराने की योजना बनानी चाहिए, जो कि आपातकालीन प्रसूति देखभाल सेवाएं (यानि एफआरयू-एसडीएच, सीएचसी, डीएच/ चिकिसीय महाविद्यालय अस्पताल) प्रदान करते हैं।