निजी क्षेत्र की भागीदारी | Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan
निजी क्षेत्र की भागीदारी

निजी क्षेत्र की भागीदारी

राज्य और जिला अधिकारियों को नामित सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों पर स्वैच्छिक सेवाएं प्रदान करने के लिए निजी क्षेत्र के प्रसूति-विज्ञानी/चिकित्सक को प्रोत्साहित करना चाहिए।

उच्च प्राथमिकता वाले जिलों में पर्याप्त सेवा प्रदाता उपलब्ध हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए राज्यों को विशेष प्रयास करना चाहिए।

वे इन गतिविधि में दाता भागीदारों से सहयोग प्राप्त करने के लिए उन्हें आकृष्ट कर सकते हैं।

निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए रणनीतियाँ

जागरूकता उत्पन्न करना

माननीय मुख्य मंत्रियों एवं स्वास्थ्य मंत्रियों द्वारा अपील

राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर बहु-आयामी संचार रणनीति तैयार करना।

संगठनों जैसे कि एफओएफआईआई/आईएमए/रोटरी/लायंस क्लब आदि के साथ सहयोग।

भागीदारी की सुविधाएं

स्वैच्छिक सेवा प्रदाता को पीएमएसएमए में पंजीकरण करने के लिए प्रोत्साहित करना।

स्वैच्छिक सेवा प्रदाता के साथ सक्रिय बातचीत और स्वास्थ्य सुविधा केंद्र/माह सौंपना।

यदि आवश्यक हों, तो परिवहन सहायता प्रदान करना।

उनके योगदान को पहचानें

पुरस्कार एवं सामाजिक मीडिया जैसे कई मंचों का उपयोग करके राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर पुरस्कार/मान्यता की व्यवस्था करना।

शिकायत निवारण

जिला स्तर के अधिकारियों का उत्तरदायित्व पीएमएसएमए पोर्टल पर निम्नलिखित जानकारी अपलोड करना होगा:

प्रोफ़ाइल- बनाएं/प्रोफ़ाइल देखें और पीएमएसएमए सुविधाओं के बारे में बताएं।

स्वेच्छाकर्मियों की सूची- जिले में पंजीकृत स्वैच्छिक सेवा प्रदाता की सूची देखें और पंजीकरण के चौबीस घंटे के भीतर उनसे संपर्क करना।

स्वयंसेवी क्रेडिट- प्रत्येक स्वेच्छाकर्मी/ स्वैच्छिक सेवा प्रदाता के लिए मासिक डेटा प्रस्तुत करना।

पीएमएसएमए की मासिक रिपोर्ट- सरकारी सुविधा केंद्रों एवं स्वैच्छिक सेवा प्रदाता सहित पीएमएसएमए योजना की संपूर्ण रिपोर्ट की जानकारी रखना।

शिकायत- अपने जिले के किसी भी स्वेच्छाकर्मी द्वारा उठाई गई किसी भी शिकायत का उत्तर देना।

राज्य स्तर के अधिकारी अपना प्रोफ़ाइल बना सकते हैं- जिसमें जिलेवार पंजीकृत स्वेच्छाकर्मियों की सूची, स्वयंसेवक क्रेडिट तथा पीएमएसएमए मासिक रिपोर्ट एवं शिकायत हों।